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लोकसभा चुनावों से पहले लागू होगा CAA, घर बैठे मोबाइल से ही कर पाएंगे नागरिकता के लिए अप्लाई
लंबे वक्त से नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। इस बीच खबर है कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार CAA को लागू कर सकती है। CAA से जुड़ी सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन ही होगी। मोबाइल से ही नागरिकता के लिए अप्लाई किया जा सकेगा।
हाइलाइट्स
लोकसभा चुनावों से पहले लागू हो सकता है नागरिकता संशोधन अधिनियम
CAA से जुड़ी सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी, पोर्टल किया जा रहा तैयार
31 दिसंबर 2014 से पहले आए पड़ोसी देशों के प्रवासी कर सकते हैं अप्लाई
नई दिल्ली: 2024 आम चुनावों से पहले देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA को लागू करने के लिए नियमों को अधिसूचित कर दिया जाएगा। इसके लिए सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है। ऐप्लिकेंट ऑनलाइन तरीके से ही देश में आने का समय बताते अप्लाई कर सकेंगे। CAA से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अपने मोबाइल से ही लागू कर पाएंगे अप्लाई
अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं वे अप्लाई कर सकेंगे। जो लोग नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकेंगे उनमें हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल हैं। इसके बाद नागरिकता से जुड़े जितने भी ऐसे मामले पेंडिंग हैं वे सब ऑनलाइन कन्वर्ट किए जाएंगे। इसके लिए लोग अपने मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल कर सकेंगे।
अपने मोबाइल से ही लागू कर पाएंगे अप्लाई
अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं वे अप्लाई कर सकेंगे। जो लोग नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकेंगे उनमें हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल हैं। इसके बाद नागरिकता से जुड़े जितने भी ऐसे मामले पेंडिंग हैं वे सब ऑनलाइन कन्वर्ट किए जाएंगे। इसके लिए लोग अपने मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल कर सकेंगे।
इसके अलावा, आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 को देशभर में लागू करने से संबंधित अधिसूचना 26 जनवरी से पहले जारी कर दी जाएगी। इसके बाद तीनों कानून देशभर में लागू हो जाएंगे। कानून की नई किताबें भी छापी जा रही हैं। तीनों कानूनों के बारे में पुलिस, वकील और उनसे संबंधित अन्य तमाम लोगों को जागरूक करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए देशभर में तीन हजार ट्रेनर काम करेंगे।
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