सीएम धामी ने भाजपा की राह को बनाया आसान
दृढ़ इच्छाशक्ति और दमदार फैसलों की जनता हुई मुरीद
चुनावी सभाओं में सिर चढ़कर बोल रहा धामी की लोकप्रियता का जादू
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के धाकड़ फैसलों और राज्य के कोने कोने में लगातार सक्रियता ने भाजपा की राह को आसान बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य की पांचों सीटों से पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में रुद्रपुर और ऋषिकेश में चुनावी शंखनाद कर चुके हैं। अन्य बड़े नेताओं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी सभाएं भी यहां हो चुकी हैं। इस आधार पर भाजपा नेताओं ने चुनावी गणित पार्टी के पक्ष में बताते हुए पांचों सीटें भारी बहुमत से जीतने का दावा किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दृढ़ इच्छाशक्ति की जनता मुरीद है। जब भी राज्य और राज्यवासियों के हितों पर कुठाराघात हुआ या चोट पहुंचाने की कोशिश की गई, तब सीएम धामी ने राज्य हित में सख्त से सख्त फैसला लेने में जरा भी देरी नहीं की। राज्य की प्रतियोगी परीक्षाओं में होनहार युवाओं के हितों पर डाका डालने वाले नकल माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त करने की कार्रवाई की। सख्त नकल विरोधी कानून बनाकर 80 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। बड़ा अफसर हो या राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कोई भी व्यक्ति, किसी को भी बख्शा नहीं गया।
देवभूमि के स्वरूप पर आंच आई तो सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने के साथ ही सीएम धामी ने लैंड जिहाद को भी सख्ती से कुचला है। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गई अवैध मजारों को हटाने के साथ ही पांच हजार एकड़ से अधिक वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया।
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अवैध निर्माण हटाए जाने के प्रतिक्रिया स्वरूप हिंसा मचाकर देवभूमि की शांत फिजा बिगाड़ने पर तुले अराजक तत्वों को सीएम धामी ने तत्काल सख्त एक्शन लेकर कड़ा सबक सिखाया। यही नहीं ऐसे दंगाइयों से निपटने के लिए अब कठोर कानून बना दिया गया है। कानून के तहत निजी और सरकारी संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने पर पूरे नुकसान की भरपाई दंगाइयों से की जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पारित करने वाला उत्तराखंड आजाद भारत का पहला राज्य बन गया है। अब देश के कई दूसरे राज्य भी इस दिशा में आगे बढ़ने को तैयार हैं। इसके अलावा महिलाओं को राज्य की सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देकर अपना वायदा सीएम धामी ने निभाया है।
मुख्यमंत्री धामी की दृढ़ इच्छाशक्ति और इन दमदार फैसलों ने जहां राष्ट्रीय फलक पर उनकी अलग पहचान बनाई है, वहीं राज्य में सीएम धामी की लोकप्रियता का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। आज महिलाएं हों या युवा या बुजुर्ग, सब वर्गों के लोग मुख्यमंत्री धामी की कार्यशैली के मुरीद हैं। पहले नारी शक्ति वंदन महोत्सव कार्यक्रमों और लाभार्थी सम्मेलनों में उमड़ी भारी भीड़ और अब उनकी चुनावी सभाओं की रंगत ने राज्य में भाजपा की राह को आसान बना दिया है।