कार्डिलॉजिस्ट डा. अमर उपाध्याय ने गर्भवती महिला का किया सफल आपरेशन
बैलून माइक्रो वॉल्वोटॉमी से बचाई जज्जा-बच्चा की जान
देहरादून : दून मेडिकल कॉलेज के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अमर उपाध्याय ने आज एक साथ दो जिंगगियों को नया जीवन दिया। उन्होंने एक गर्भवती महिला के दिल के वॉल्व की सिकुड़न का आपरेशन बैलून मित्रल वॉल्वोटॉमी से किया। यह एक जटिल आपरेशन था। डा. अमर उपाध्याय का कहना है कि आपरेशन सफल रहा और जज्जा-बच्चा दोनों ही ठीक हैं।
पौड़ी के कल्जीखाल विकासखंड के भ्यूली गांव की 27 वर्षीय शालिनी जुगरान के दिल के एक वॉल्व में सिकुड़न थी। स्त्री रोग विशेषज्ञ ने उसे सलाह दी थी कि वॉल्व का इलाज किये बना गर्भधारण न करें। लेकिन शालिनी ने गर्भधारण कर लिया। ऐसे में उसकी स्थिति जटिल हो गयी थी और जज्जा-बच्चा दोनों की जान का खतरा था।
डा. अमर उपाध्याय के मुताबिक दिल में वाल्व की सिकुड़न ठीक करने के लिए आपरेशन काफी जटिल था। इसमें गर्भस्थ शिशु को विकीरण का खतरा था। इसके अलावा पेट फूलने पर दिल अपनी जगह बदल देता है। ऐसे में आपरेशन की चुनौती थी। उन्होंने बताया कि आपरेशन के लिए उन्होंने प्रसव समय का चयन किया ताकि गर्भस्थ शिशु को कोई खतरा न हो। बैलून मित्रल वॉल्वोटामी विधि से आपरेशन किया गया। इसके तहत बैलून के माध्यम से वॉल्व की सिकुड़न को दूर किया गया। इस जटिल आपरेशन में उनकी टीम के अलावा एनेथिसिया टीम में डा. सतेंद्र कौर, डा. वी हेमंत और ओटी टेक्नीशियन ज्योति दोसाद ने अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
डा. अमर उपाध्याय के इस जोखिमपूर्ण आपरेशन को सफलतापूर्वक करने पर शालिनी के परिजनों ने राहत की सांस ली है। उनके परिजन दीपक जुगरान ने डा. अमर उपाध्याय का आभार जताते हुए उनकी कार्यशैली की प्रशंसा की। दीपक जुगरान ने कहा दून मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब शुरू होने से ग्रामीणों को भी बेहतरीन और सस्ता इलाज मिल रहा है।
राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में हुए महत्वपूर्ण सुधार के लिए दीपक जुगरान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत का विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार की आयुष्मान योजना जरूरतमंद मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। जिस ऑपरेशन के प्राइवेट अस्पताल लाखों रूपये मांग रहे हैं वह आज निशुल्क हो रहा है। उल्लेखनीय है कि दून अस्पताल में कैथ लैब की सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
कैथ लैब बनने से हो रही ये सर्जरी
दून अस्पताल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट अमर उपाध्याय व उनकी टीम कैथ लैब शुरू होने से अब तक कई लोगों की जिंदगिंया बचा चकु है। डॉ. अमर उपाध्याय ने बताया कि कैथ लैब शुरू होने के बाद एनजीओ प्लास्टी की सुविधा शुरू हो गई है। बच्चों में दिल के छेद को ठीक किया जा रहा है। वॉल्व में सिकुड़न, किसी नस में ब्लॉकेज आदि का उपचार और दिल से संबंधित अन्य सर्जरी भी हो रही हैं। डॉ. अमर उपाध्याय ने बताया कि अस्पताल में रोजाना की ओपीडी में करीब 50 मरीज दिल के इलाज के लिए आते हैं।