देहरादून स्थित पर्यावरण कार्रवाई और एडवोकेसी ग्रुप सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज़ (एसडीसी) फाउंडेशन ने शहर स्थित एक होटल में देहरादून में प्लास्टिक बैंक प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस मौके पर आयोजित समारोह में सरकारी अधिकारी, स्कूल, विश्वविद्यालय, रेस्टोरेंट संचालक, हॉस्टल्स पदाधिकारी, शोरूम, अस्पताल, आरडब्ल्यूए आदि बड़ी संख्या में मौजूद थे।
एसडीसी फाउंडेशन इस परियोजना को एयरबस के सहयोग से क्रियान्वित कर रहा है। एयरबस दुनियाभर में एक अग्रणी एयरोस्पेस कंपनी है। एयरबस कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत इस परियोजना में सहयोग कर रही है।
प्लास्टिक बैंक परियोजना के तहत, एसडीसी फाउंडेशन कई प्लास्टिक बैंकों की स्थापना करेगा। इनमें आम नागरिकों और संस्थानों को प्लास्टिक कचरे को प्रेरित कर अलग अलग करने की सुविधा दी जाएगी। प्लास्टिक कचरे को एकत्र करने के बाद अलग किया जाएगा और विभिन्न जगहों पर भेजकर इस कचरे को रिसाइकिल करके पेट्रोल, टाइल्स और दूसरी चीजें बनाने के काम में लाया जाएगा।
प्लास्टिक बैंकों से एकत्र किए जा रहे प्लास्टिक कचरे को सबसे पहले एसडीसी फाउंडेशन के सेग्रीगेशन और लर्निंग सेंटर में लाया जाएगा। यहां प्लास्टिक कचरे को एक बार फ़िर अलग अलग श्रेणी में सेग्रीगेट किया जाएगा और सीएसआईआर-आईआईपी को ईंधन और अन्य रीसायकलर को सौंपा जाएगा।
इस परियोजना के तहत अब तक 89 प्लास्टिक बैंक स्थापित किये जा चुके हैं। मार्च 2025 तक कुल 300 प्लास्टिक बैंक स्थापित किये जाने हैं। ये प्लास्टिक बैंक मुख्य रूप से स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, शोरूम, सरकारी ऑफिस, अस्पताल, धार्मिक स्थल, होटल और अपार्टमेंट आदि में स्थापित किए जा रहे हैं।
परियोजना के तहत प्रतिभागियों को प्लास्टिक कचरा कम करने के लिए इसका फिर से उपयोग करने और इसे रिसाइकिल करने को लेकर भी सामूहिक रूप से जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए जागरूकता कार्यशालाओं के माध्यम से क्षमता निर्माण और जागरूकता बढ़ाने के निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
कार्यक्रम में सीएसआईआर -आईआईपी के निदेशक डॉ. हरेंद्र बिष्ट ने कहा कि प्लास्टिक मानव दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है। उन्होंने प्लास्टिक के लाभ और दुष्प्रभावों के बारे में विस्तृत वैज्ञानिक जानकारी साझा की। डॉ. बिष्ट ने प्लास्टिक कचरे के साथ वेस्ट टू वेल्थ की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बात की और एसडीसी फाउंडेशन की प्लास्टिक बैंक पहल की सराहना की।
नगर निगम देहरादून के आयुक्त गौरव कुमार ने कहा कि देहरादून में प्रतिदिन लगभग 500 मीट्रिक टन कूड़ा पैदा हो रहा है। उन्होंने नागरिकों और सभी हितधारकों से कचरे को सेग्रिगेट करने, पुन: उपयोग करने और रीसायकल के सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करते हुए शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार लाने की बात कही । उन्होंने शहर में प्लास्टिक बैंकों के संचालन के लिए एसडीसी फाउंडेशन को हर संभव मदद देने का भी आश्वासन दिया।
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी चंदन सिंह रावत ने कहा कि प्लास्टिक बैंक की अवधारणा को उत्तराखंड के अन्य शहरों और कस्बों में भी संचालित करने के प्रयास करने की जरूरत है।
कार्यक्रम में प्लास्टिक बैंक के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य करने पर स्वामी रामा हिमालयन यूनिवर्सिटी जॉली ग्रांट, एस एल हौंडा, आईसीएआर- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ वाटर एंड सॉइल कंज़र्वेशन, राजकीय इंटर कॉलेज डोभालवाला, श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल पटेल नगर एवं न्यू एम डी पब्लिक स्कूल पंडितवाड़ी को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में प्लास्टिक बैंक परियोजना पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसका संचालन एसडीसी फाउंडेशन की प्रेरणा रतूड़ी ने किया। परिचर्चा में भवानी बालिका इंटर कॉलेज की शिक्षिका अनीता जोशी, श्री गुरु राम राय स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा संस्कृति सिंह, स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के गिरीश उनियाल, ईएस एल होंडा के प्रवीण गुलाटी और माउंटेन कैफे मैगी पॉइंट के पूरन सिंह ने हिस्सा लिया। सभी पैनलिस्ट ने प्लास्टिक बैंक को लेकर अपने अनुभव साझा किये और इस तरह की पहल को महत्वपूर्ण बताया।
एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक, अनूप नौटियाल ने परियोजना के बारे में विस्तार से बताया और इसके क्रियान्वयन के तौर तरीरकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने एयरबस के साथ साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इस परियोजना के तहत प्लास्टिक कचरे को सेग्रिगेट कर इकट्ठा किया जाएगा और वैज्ञानिक तरीके से रिसाइकिल किया जाएगा। इससे एक ओर जहां सर्कुलर इकॉनमी के मॉडल विकसित होंगे, वहीं दूसरी ओर शहर में खुले स्थानों पर कचरा फेंकने की परंपरा में भी कमी आएगी।
प्लास्टिक बैंक प्रोजेक्ट के शुभारम्भ पर कार्यक्रम में आई आई पी से डॉ सनत कुमार और डॉ मनोज श्रीवास्तव, नगर निगम देहरादून से डॉ अविनाश खन्ना, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से डॉ राजेंद्र कठैत, सुभाष पंवार एवं राजकुमार चतुर्वेदी, देहरादून छावनी परिषद से राकेश कुमार,अमित एवं नरेंद्र, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण से अमन गुप्ता, माया नरूला, डॉक्टर उप्रेती, लेफ्टिनेंट कर्नल सनी बक्शी, रोशन रतूड़ी, रणवीर चौधरी,मनोज बर्त्वाल, प्यारे लाल, विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य,शिक्षक गण एवं छात्र छात्राएं, गंगा प्रहरी एवं भारी संख्या में जन समूह ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम का संचालन एसडीसी फाउंडेशन के दिनेश सेमवाल ने किया, जबकि प्रवीण उप्रेती ने धन्यवाद ज्ञापित किया।